Divya Arogyavardhini Vati Enhances Power, Performance and Increased Energy levels. Aides in advancing ripeness and Treat Liver problems. Additionally can be utilized in treating Intestinal gas, Rheumatic issue, Muscular agonies, Vata Disorders. Measurements: 1-2 capsule twice or thrice day by day void stomach or after suppers with tepid water or drain or as coordinated by the Physician.
Divya Arogyavardhini Vati fixes male barrenness, upgrades physical wants andUseful in skin and liver disorder, obesity and chronic fever, etc. Gives strength. This solution is produced using effective herbs extricates and has no symptoms. Experience the integrity of normal Ayurvedic cure.
दिव्य आरोग्यगढ़िनी वाटी बिजली, प्रदर्शन और ऊर्जा के स्तर में वृद्धि को बढ़ाती है। परिपक्वता और लिवर की समस्याओं का इलाज करने में सहयोगी। इसके अतिरिक्त आंतों के गैस, संधिशोथ के मुद्दे, मांसपेशी agonies, वाटा विकारों के इलाज में उपयोग किया जा सकता है। मापन: 1-2 कैप्सूल दिन में तीन बार या तीन बार दिन के पेट या तपेदिक पानी या नाली के साथ suppers के बाद या चिकित्सक द्वारा समन्वित के रूप में।दिव्य अर्ग्यावर्धनी वाटी पुरुष बाधा को हल करती है, शारीरिक इच्छाओं को अपनाने और त्वचा और यकृत विकार, मोटापा और पुरानी बुखार, आदि में उपयोगी होती है। यह समाधान प्रभावी जड़ी बूटी निकालने का उपयोग करके उत्पादित होता है और इसमें कोई लक्षण नहीं होता है। सामान्य आयुर्वेदिक इलाज की अखंडता का अनुभव करें।
Divya Arogyavardhini Vati Benefits
- Alcohol induced liver disorders.
- Gallstones – cholelithiasis
- Gallbladder inflammation – cholecystitis
- Fever of unknown origin
- Hepatitis
- Skin diseases
- Obesity management
- High cholesterol
- Infectious disorders
- Liver supportive medicine
- Hypothyroidism, auto-immune thyroiditis
- Irritable bowel syndrome
- Discolored skin patches on face
दिव्य आरोग्यवर्धिनी वटी लाभ
- आरोग्यवर्धिनी वटी जिगर और त्वचा रोग में लाभकारी है।
- आरोग्यवर्धिनी वटी जिगर के सिरोसिस में बेहद फायदेमंद है।
- इसके अलावा पीलिया में और जिगर के ठीक से काम करने के लिए फयदेमंद है।
- ये मुँहासो की समस्याओं के लिए एक उत्कृष्ट उपाय है।
- ये तीनों दोषों के बीच एक संतुलन लाती है।
- कुष्ठ रोग, सूजन, मोटापा, और यकृत विकारों के विभिन्न प्रकारों में लाभदायक है।
- भूख की कमी से पीड़ित व्यक्तियों के लिए उत्कृष्ट उपाय है।
- अपच और अनियमित मल त्याग से पीड़ित व्यक्तियों के लिए उपयोगी उपचार है।
- शरीर की पाचन शक्ति को बढ़ावा देती है।
- आरोग्यवर्धिनी लीवर, हृदय, गुर्दे, गर्भाशय, मलाशय और आंतों के लिए एक टॉनिक है।
Divya Arogyavardhini Ingredients
- Harad
- Baheda
- Amla
- Shudha Mercury
- ShudhaGandhak
- LouhBhasma
- Shudha Guggul
- ChitrakMool
- AbhrakBhasma
- TamraBhasma
- ShudhaShilajeet
- Kutki
- Neem Patra Ras
How To Use Vati Divya Arogyavardhini
Daily 2-4 tablets should be consumed or the dose may be changed according to the condition of the disease.
These fresh water, milk, the condition should be consumed with the original quart or the rejuvenating wall.
रोजाना 2 से 4 टेबलेट खाना है. या फिरर आप अपने डॉक्टर से पुच कर भी खा सकते हैं.
Side Effect
it is totally safe. there is no any side effect. It should not be consumed in large amounts because it can be harmful to you.
अगर आप इसे सही खुराक में खाए गे तो इस से किसी तरह का कोई नोकसान नही होता है.
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